jalte Diye Lyrics from Prem Ratan Dhan Payo (2015) this song is sung by Anweshana, Harshdeep Kaur, Shabab Sabri, Vineet Singh. composed by Himesh Reshammiya with lyrics penned by Irshad Kamil.
singer Anweshana, Harshdeep Kaur, Shabab Sabri, Vineet Singh
lyrics penned by Irshad Kamil.
composed by Himesh Reshammiya
Jalte Diye Lyrics
आज अगर मिलान की रात होती
जाने क्या बात होती
तोह क्या बात होती
सुन्न ते है जब प्यार हो तो
दिए जल उठते है
तन में मन में और नयन में
दिए जल उठते हैं
आजा पिया आज
आजा पिया आज हो ..
आजा पिया आज तेरे ही तेरे ही लिए
जलते दिए
बितानी तेरे साये में साये में
ज़िँदग़ानि बितानी तेरे साये में
साये में
कभी कभी
कभी कभी ऐसे दीयों से
लग है जाती आग भी
धुले धुले से अंचलों पे
लग है जाते दाग भी
है वीरानो में बदल ते
देखे मन के बाग़ भी
सपनों में श्रृंगार हो तोह
दिए जल उठते हैं
ख्वाहिशों के और शर्म के
दिए जल उठते हैं
आजा पिया आज
तेरे ही , तेरे ही लिए जलते दिए
बितानी तेरे साये में , साये में
ज़िँदग़ानि बितानी तेरे साये में
साये में
मेरा नहीं
मेरा नहीं है वह दिया
जो जल रहा है मेरे लिए
मेरी तरफ क्यों यह उजाले
आये है इनको रोकिये
यूँ बेग़ानि रौशनी में
कब तलाक कोई जिए
साँसों में झंकार हो तो
दिए जल उठते हैं
झांझरों में कंगनों में
दिए जल उठते हैं
आजा पिया आज
हम्म जलते दिए
बितानी तेरे साये में , साये में
ज़िँदग़ानि बितानी तेरे साये में
साये में
साये में साये तेरे
साये में तेरे बितानी ज़िंदगानी
साये में साये तेरे
साये में तेरे बितानी ज़िंदगानी
singer Anweshana, Harshdeep Kaur, Shabab Sabri, Vineet Singh
lyrics penned by Irshad Kamil.
composed by Himesh Reshammiya
Jalte Diye Lyrics
आज अगर मिलान की रात होती
जाने क्या बात होती
तोह क्या बात होती
सुन्न ते है जब प्यार हो तो
दिए जल उठते है
तन में मन में और नयन में
दिए जल उठते हैं
आजा पिया आज
आजा पिया आज हो ..
आजा पिया आज तेरे ही तेरे ही लिए
जलते दिए
बितानी तेरे साये में साये में
ज़िँदग़ानि बितानी तेरे साये में
साये में
कभी कभी
कभी कभी ऐसे दीयों से
लग है जाती आग भी
धुले धुले से अंचलों पे
लग है जाते दाग भी
है वीरानो में बदल ते
देखे मन के बाग़ भी
सपनों में श्रृंगार हो तोह
दिए जल उठते हैं
ख्वाहिशों के और शर्म के
दिए जल उठते हैं
आजा पिया आज
तेरे ही , तेरे ही लिए जलते दिए
बितानी तेरे साये में , साये में
ज़िँदग़ानि बितानी तेरे साये में
साये में
मेरा नहीं
मेरा नहीं है वह दिया
जो जल रहा है मेरे लिए
मेरी तरफ क्यों यह उजाले
आये है इनको रोकिये
यूँ बेग़ानि रौशनी में
कब तलाक कोई जिए
साँसों में झंकार हो तो
दिए जल उठते हैं
झांझरों में कंगनों में
दिए जल उठते हैं
आजा पिया आज
हम्म जलते दिए
बितानी तेरे साये में , साये में
ज़िँदग़ानि बितानी तेरे साये में
साये में
साये में साये तेरे
साये में तेरे बितानी ज़िंदगानी
साये में साये तेरे
साये में तेरे बितानी ज़िंदगानी
0 Comments